गुरुवार, 18 अगस्त 2011

hindi ka apman?

   %%%हिंदी का अपमान %%%
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हिंदीहिंदी हिंदीअप ने  देश की आत्मा,
    सारे देशहिंदी एक धागे मेंपिरोती ,
हिंदी अपने देश के प्राण,
हिंदी में हम जीते
हिंदीबिना जीवन निष्प्राण?
९५% बोली समझी जाती ,
 फिर भी सत्ता करे,
प्रतिदिन हिंदीकाअपमान ?
  अंग्रेजी से हमारी कोई लड़ाईनही है ,
    हरदेश कीअपनीमात्रभाषा होती श्रीमान
       हिंदी  १६८देशों सेज्यादा देशों में पढ़ी पढाईजा रही ,
   फिरभीअपनीसरकार नही देनाचाहती हिंदीको पहचान ?
       विदेशों नेस्वार्थ मेंहीसही हिंदी को स्वीकारा है,
२४ घंटे विदेशी चैनलों पे हिंदीविज्ञापनों  का जय जयकरा है
   हिंदी विज्ञापनों से करोड़ों  अरबों रुपया विदेशियों नेबनाया है,
        मंदी के द्वोर में हिंदी ने कई देशोंको उबारा है 
   मानाअंग्रेजीअंतरास्त्रिय भा षा है 
  हिंदीभीकोईकमजोर नही, हिंदीहै महान 
 हिंदीवैज्ञानिक ,दार्शनिक ,आध्यात्मिक 
 सर्वप्रिय ,लोकप्रिय ,जनप्रिय है क्रपया निधान

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